भाईचारे के नाम पर छल
यह नक्शा लाहौर की एक म्यूज़ियम से प्राप्त किया गया है। यह पाकिस्तान की 1857 में स्थिति दर्शाता है।
भाईचारा केवल एक कहानी है। वास्तविकता में मुसलमान अंग्रेजों के आने से पहले ही भारत के दो भाग करना चाहते थे। कायर की तरह पीछे से वार करके ही ये संभव था। छलावे में मत आएं।
यह नक्शा लाहौर की एक म्यूज़ियम से प्राप्त किया गया है। यह पाकिस्तान की 1857 में स्थिति दर्शाता है।
भाईचारा केवल एक कहानी है। वास्तविकता में मुसलमान अंग्रेजों के आने से पहले ही भारत के दो भाग करना चाहते थे। कायर की तरह पीछे से वार करके ही ये संभव था। छलावे में मत आएं।