ब्रह्मा के मुख से | नवेंदु महर्षि
वर्ण-व्यवस्था की तुमने
बिल्कुल सही व्याख्या दी है
कि ब्राह्मण ब्रह्मा के
मुख से पैदा हुए हैं
उन्हें इसीलिए
भोजन भाता है
क्षत्रिय हाथों से
उन्हें इसीलिए
लूटना भाता है
वैश्य पेट से
उन्हें इसीलिए
संग्रह सुहाता है
और शूद्र पैरों से
उन्हें इसीलिए
उपार्जन आता है!